बॉलीवुड में इन दिनों सीक्वल एक्सप्रेस फुल स्पीड में दौड़ रही है, और इस ट्रेन के सबसे बड़े ड्राइवर हैं अजय देवगन। ‘रेड 2’ से लेकर ‘गोलमाल 5’ तक, उनकी फिल्मों की लंबी लाइन लगी है। इसी कतार में एक और डिब्बा जुड़ा है सन ऑफ सरदार 2। लेकिन क्या ये सफर उतना ही मजेदार है जितनी उम्मीद थी? या फिर ये कॉमेडी के नाम पर सिर्फ एक थका देने वाला हंगामा है?
कहानी में कितना दम?
कहानी शुरू होती है हमारे पुराने दोस्त जस्सी रंधावा (अजय देवगन) से, जो दस साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार लंदन अपनी पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) के पास पहुंचता है। लेकिन यहां तो सीन ही पलटा हुआ है! डिंपल को जस्सी से तलाक चाहिए क्योंकि उसकी जिंदगी में कोई और आ चुका है।
दिल टूटे जस्सी की मुलाकात होती है पाकिस्तानी वेडिंग डांसर राबिया (मृणाल ठाकुर) से, जिसका पति दानिश (चंकी पांडे) भी उसे छोड़कर भाग गया है। राबिया की सौतेली बेटी सबा (रोशनी वालिया) को शहर के दबंग राजा संधू (रवि किशन) के बेटे से प्यार है। पेंच यह है कि राजा संधू को पाकिस्तानियों और नाचने-गाने वालों से सख्त नफरत है। बस, यहीं से जस्सी अपनी टूटी लव स्टोरी भूलकर सबा का घर बसाने के लिए एक फौजी सरदार पिता बनने का नाटक शुरू कर देता है। इसके बाद जो खिचड़ी पकती है, वो कॉमेडी कम और कन्फ्यूजन का रायता ज्यादा फैलाती है।
हंसी के फव्वारे या सिरदर्द की गारंटी?
‘सन ऑफ सरदार’ का मतलब ही है ‘दिमाग को आराम दो’। लेकिन इस बार दिमाग इतना आराम कर लेता है कि कहानी ही सो जाती है। फिल्म आपको टुकड़ों-टुकड़ों में हंसाएगी, लेकिन कई सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर आप पूछेंगे “भाई, ये चल क्या रहा है?”
बिहारी मम्मी, पंजाबी मम्मी वाले घिसे-पिटे जोक्स और अफीम के लिए कब्रिस्तान से फूल चुराने जैसे ट्रैक फिल्म की रफ्तार पर ब्रेक लगाते हैं। डायरेक्टर विजय कुमार अरोड़ा एक अच्छी खासी कॉमेडी बना सकते थे, लेकिन आधे अधूरे स्क्रीनप्ले ने सारा मजा किरकिरा कर दिया। और हां, फिल्म की शुरुआत में दिखाए गए जस्सी के जुड़वां बच्चों का आगे क्या हुआ? ये सवाल डायरेक्टर साहब भी शायद भूल गए!
एक्टिंग का रिपोर्ट कार्ड: असली महफिल किसने लूटी?
- अजय देवगन: अजय अपने स्टारडम के दम पर फिल्म को खींचते हैं, लेकिन उनके किरदार में कोई नयापन नहीं है। वो जस्सी के रोल में ठीक हैं, पर यादगार नहीं। मृणाल के साथ उनकी केमिस्ट्री भी फीकी लगती है।
- मृणाल ठाकुर: मृणाल खूबसूरत लगी हैं और उन्हें स्क्रीन पर अच्छा स्पेस मिला है। उन्होंने अपना काम ईमानदारी से किया है, पर कहानी की कमजोरी उनके किरदार को भी कमजोर बना देती है।
- दीपक डोबरियाल: एक ट्रांसवुमन के किरदार में दीपक जब भी स्क्रीन पर आते हैं, माहौल बना देते हैं। उनका अंदाज और उनकी अदाएं कमाल की हैं, लेकिन उनके टैलेंट को और बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता था।
- रवि किशन (The Real Show Stealer!): असली महफिल तो रवि किशन ने लूटी है! यूपी के होकर एक बिहारी सरदार का किरदार उन्होंने इतनी शिद्दत और कॉमिक टाइमिंग से निभाया है कि आप तालियां बजाने पर मजबूर हो जाएंगे। उनके एक्सप्रेशन और डायलॉग डिलीवरी फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष हैं। कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म के असली ‘सरदार’ वही हैं!
- बाकी कलाकार: संजय मिश्रा, चंकी पांडे, कुब्रा सैत जैसे बेहतरीन कलाकारों की फौज को फिल्म में बस बर्बाद किया गया है। उनके पास करने के लिए कुछ भी खास नहीं था।
Son Of Sardaar 2 – OFFICIAL TRAILER
‘सन ऑफ सरदार 2’ एक ऐसी फिल्म है जो खूबसूरत लोकेशंस पर शूट की गई है, लेकिन जिसकी आत्मा (कहानी और गाने) गायब है। इसका म्यूजिक बेहद कमजोर है और एडिटिंग और भी ढीली है।
किसे देखनी चाहिए? अगर आप रवि किशन की जबरदस्त एक्टिंग, दीपक डोबरियाल के मजेदार अंदाज और बिना सिर-पैर वाली कॉमेडी झेलने के लिए तैयार हैं, तो टाइम पास के लिए एक बार देख सकते हैं।
किसे नहीं देखनी चाहिए? अगर आप एक अच्छी कहानी, लॉजिक और दिमाग वाली कॉमेडी की तलाश में हैं, तो इस फिल्म से दूर ही रहें।
कलाकार: अजय देवगन, मृणाल ठाकुर, रवि किशन, दीपक डोबरियाल, चंकी पांडे, नीरू बाजवा, विंदु दारा सिंह डायरेक्टर: विजय कुमार अरोड़ा