
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं या कर चुके हैं, तो आपके लिए एक शानदार खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी का ऐलान किया है। अब EPS (Employees Pension Scheme) के तहत न्यूनतम पेंशन ₹1,000 से बढ़ाकर सीधे ₹7,500 प्रति माह कर दी गई है। यह नई व्यवस्था मई 2025 से लागू होगी और इसका पूरा खर्च EPFO और सरकार मिलकर उठाएंगे।
महंगाई के दौर में पेंशनर्स को बड़ी राहत
आज के समय में महंगाई लगातार बढ़ रही है, ऐसे में रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता बन जाती है। पहले EPS के तहत सिर्फ ₹1,000 की पेंशन मिलती थी, जो मौजूदा जरूरतों के हिसाब से बेहद कम थी। अब सात गुना बढ़ोतरी के बाद, पेंशनर्स को हर महीने ₹7,500 मिलेंगे, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा और वे अपनी जरूरतें आसानी से पूरी कर पाएंगे। खासतौर पर छोटे उद्योगों, फैक्ट्रियों, सिक्योरिटी एजेंसियों या कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह फैसला किसी वरदान से कम नहीं है।
EPS स्कीम क्या है और कौन कर सकता है दावा?
EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 में शुरू की गई थी। इसका मकसद संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन देना है। जो भी कर्मचारी EPF (Employees Provident Fund) का सदस्य है, वह EPS का भी हिस्सा होता है। EPS के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी जरूरी है और पूरी पेंशन 58 साल की उम्र के बाद मिलती है। अगर कोई कर्मचारी 50 से 58 साल की उम्र में पेंशन लेना चाहता है, तो उसे कम राशि मिलेगी।
EPF खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं, जिसमें से नियोक्ता की ओर से 8.33% राशि EPS में जाती है, बाकी EPF में जमा होती है।
किन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ उन लोगों को मिलेगा, जो प्राइवेट सेक्टर में काम करके रिटायर हो चुके हैं या जल्द होने वाले हैं। जैसे छोटे उद्योगों के कर्मचारी, सिक्योरिटी गार्ड्स, टेक्निकल स्टाफ, निर्माण मजदूर और अन्य श्रमिक वर्ग। इसके अलावा, अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार या नामांकित व्यक्ति को भी पेंशन का लाभ मिलता है। यदि कोई कर्मचारी पूरी तरह से विकलांग हो जाता है, तो भी उसे EPS के तहत पेंशन मिलती है, भले ही उसकी सेवा 10 साल से कम रही हो।
बढ़ी हुई पेंशन कैसे मिलेगी?
नई पेंशन के लिए आपको कोई नया आवेदन करने की जरूरत नहीं है। अगर आप पहले से EPS के सदस्य हैं, तो आप स्वतः ही इस बढ़ी हुई राशि के पात्र होंगे। बस यह सुनिश्चित करें कि आपका e-KYC, आधार लिंक्ड बैंक खाता और जीवन प्रमाणपत्र EPFO के रिकॉर्ड में अपडेट हो। आप EPFO की वेबसाइट या नजदीकी EPF ऑफिस में जाकर ये अपडेट कर सकते हैं।
न्यूनतम सेवा अवधि और अन्य जरूरी नियम
EPS के तहत मासिक पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी जरूरी है। अगर आपकी सेवा 10 साल से कम है, तो आप एकमुश्त राशि निकाल सकते हैं, लेकिन मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। 58 साल की उम्र पूरी होने पर पूरी पेंशन मिलती है, लेकिन अगर कोई कर्मचारी चाहे तो पेंशन लेने की उम्र को 60 साल तक टाल सकता है, जिससे हर साल 4% अतिरिक्त पेंशन मिलेगी।
कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी/पति को जीवनभर पेंशन मिलती है और बच्चों को 25 साल की उम्र तक यह लाभ मिलता है। विकलांग बच्चों को भी पूरी उम्र तक पेंशन मिलती है।
EPFO द्वारा प्राइवेट कर्मचारियों की मासिक पेंशन में की गई यह बढ़ोतरी वाकई ऐतिहासिक है। इससे लाखों लोगों को न सिर्फ आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी मिलेगा। यह कदम दिखाता है कि सरकार अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर गंभीर है और भविष्य में भी ऐसी योजनाओं के जरिए आम नागरिकों की मदद करती रहेगी।
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।