
बिहार में चुनावी माहौल बनने लगा है और गलियों-चौराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लेकिन इन चर्चाओं के बीच, लाखों बिहारियों के मन में एक खामोश चिंता घर कर रही है – “क्या मेरा नाम वोटर लिस्ट में है?”
हाल ही में चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद आई शुरुआती जानकारी के मुताबिक, बिहार की वोटर लिस्ट से करीब 65 लाख नाम कम हो गए हैं। यह खबर सुनते ही हर किसी का परेशान होना स्वाभाविक है। आखिर वोट देना सिर्फ हमारा अधिकार ही नहीं, बल्कि हमारी आवाज भी है।
लेकिन घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है! यह अंतिम सूची नहीं है। चुनाव आयोग ने आपको एक सुनहरा मौका दिया है अपने नाम की जांच करने और उसे वापस जुड़वाने का। चलिए, इस पूरी प्रक्रिया को बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं ताकि आपकी सारी उलझन दूर हो जाए।
आखिर क्यों काटे जा रहे हैं वोटर लिस्ट से नाम? समझिए SIR प्रक्रिया को
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ये नाम क्यों हटाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया एक तरह की “सफाई अभियान” है। इसका मकसद किसी को वोट देने से रोकना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि वोटर लिस्ट एकदम सटीक और गड़बड़ियों से मुक्त हो।
इस प्रक्रिया में मुख्य रूप से ऐसे नाम हटाए जाते हैं:
- जिनका निधन हो चुका है: मृत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाते हैं।
- जो कहीं और शिफ्ट हो गए हैं: ऐसे लोग जो अपना घर-पता बदलकर दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चले गए हैं।
- डुप्लीकेट वोटर: एक ही व्यक्ति का नाम गलती से दो या अधिक बार दर्ज हो जाना।
यह प्रक्रिया हर चुनाव से पहले होती है ताकि केवल असली और पात्र मतदाता ही वोट डाल सकें।
65 लाख नाम हटने का मतलब क्या है? आंकड़ों की सच्चाई
65 लाख का आंकड़ा सुनने में बहुत बड़ा लगता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि 65 लाख जीवित और पात्र मतदाताओं को लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। यह संख्या पिछले चुनावों की तुलना में कम हुए नामों की है, जिसमें मृत और स्थानांतरित मतदाता भी शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि बिना उचित जांच-पड़ताल और नोटिस के किसी भी असली वोटर का नाम नहीं काटा जाएगा। विपक्ष की चिंताओं पर आयोग ने आश्वासन दिया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इसका एकमात्र लक्ष्य एक स्वच्छ मतदाता सूची तैयार करना है।
सबसे जरूरी सवाल: अगर लिस्ट से नाम कट गया तो अब क्या करें?
अब आते हैं सबसे महत्वपूर्ण बात पर। अगर आपको शक है कि आपका नाम कट गया है या आप पहली बार वोटर बनने वाले हैं, तो आपके लिए यह समय बहुत कीमती है।
याद रखने वाली तारीखें:
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशन: 1 अगस्त 2024
- दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि: 1 अगस्त 2024 से 1 सितंबर 2024 तक
- अंतिम वोटर लिस्ट का प्रकाशन: 30 सितंबर 2024
नाम जुड़वाने या सुधारने के लिए ये आसान कदम उठाएं:
- लिस्ट में अपना नाम चेक करें (1 अगस्त से): 1 अगस्त को अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास जाकर या चुनाव आयोग की वेबसाइट (voters.eci.gov.in) पर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अपना नाम जरूर जांचें।
- ऑनलाइन तरीका (सबसे आसान):
- अपने मोबाइल में Voter Helpline App डाउनलोड करें या voters.eci.gov.in पोर्टल पर जाएं।
- नया नाम जोड़ने के लिए: फॉर्म 6 भरें।
- नाम, पता या फोटो में गलती सुधारने के लिए: फॉर्म 8 भरें।
- किसी गलत नाम पर आपत्ति जताने के लिए: फॉर्म 7 भरें।
- ऑफलाइन तरीका:
- अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया में सहज नहीं हैं, तो सीधे अपने क्षेत्र के BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) से मिलें।
- वह आपको सही फॉर्म देंगे और उसे भरने में आपकी मदद भी करेंगे। जरूरी दस्तावेज (जैसे- आधार कार्ड, पते का प्रमाण) साथ ले जाना न भूलें।
आपकी आवाज कीमती है, उसे खामोश न होने दें
लोकतंत्र में सरकारें आपके एक-एक वोट से बनती और बदलती हैं। यह सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि आपके लोकतांत्रिक अधिकार को सुनिश्चित करने का एक मौका है। इसलिए आलस न करें। 1 अगस्त को अपना नाम जरूर जांचें और अगर कोई गड़बड़ी है, तो 1 सितंबर से पहले उसे ठीक करवाएं।
इस जानकारी को अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ भी साझा करें, ताकि कोई भी पात्र नागरिक अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए। चलिए, मिलकर यह सुनिश्चित करें कि बिहार के भविष्य को चुनने में हर एक आवाज शामिल हो