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Kendriya and Navodaya Vidyalaya में शिक्षकों की भारी कमी, 12,000 से ज्यादा पद रिक्त: शिक्षा मंत्रालय

Kendriya and Navodaya Vidyalaya में शिक्षकों की भारी कमी, 12,000 से ज्यादा पद रिक्त

शिक्षा क्षेत्र में बड़ी चिंता: केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों में 12,000+ शिक्षक पद रिक्त, सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी

देश के प्रतिष्ठित केंद्रीय विद्यालयों (KVS) और नवोदय विद्यालयों (NVS) में शिक्षकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि इन दोनों संस्थानों में मिलाकर 12,000 से अधिक शिक्षण पद खाली हैं। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बुधवार को एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

आंकड़ों का आईना: कहाँ कितने पद खाली?

मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) में 7,765 पद और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) में 4,323 पद रिक्त हैं। उन्होंने सदन को बताया, “वर्तमान में, देशभर में केंद्रीय विद्यालय संगठन में 7,765 और नवोदय विद्यालय समिति में 4,323 शिक्षण पद खाली हैं।”

चौधरी ने इन रिक्तियों के पीछे के कारणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ये पद नए स्कूलों के खुलने, सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, पदोन्नति और स्थानांतरण जैसे विभिन्न कारणों से खाली हुए हैं।

सरकार का आश्वासन: भर्ती प्रक्रिया जारी

सरकार ने सदन को आश्वस्त किया है कि इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया लगातार चल रही है और सभी कदम संबंधित भर्ती नियमों के अनुसार उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा, “शैक्षणिक कार्यों में कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी अवधि के लिए संविदा (contractual) शिक्षकों को नियुक्त करने का भी प्रावधान है।”

इसके अलावा, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) में ग्रुप ‘ए’ के 143 और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) में 60 पद रिक्त होने की भी जानकारी दी गई, जिन्हें भरने की प्रक्रिया जारी है।

एनसीईआरटी किताबों की पायरेसी का बड़ा खुलासा

शिक्षक भर्ती के अलावा, शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी की किताबों की बड़े पैमाने पर हो रही पायरेसी पर भी चिंताजनक आंकड़े पेश किए। जयंत चौधरी ने बताया कि 2020 के बाद से देश भर में विभिन्न अभियानों में एनसीईआरटी की लगभग 4.71 लाख पायरेटेड (नकली) प्रतियां जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा, “पायरेसी के पीछे मुख्य रूप से बेईमान तत्वों के व्यावसायिक इरादे होते हैं।”

यह खुलासा शिक्षा प्रणाली में दोहरी चुनौती को उजागर करता है – एक तरफ शिक्षकों की कमी और दूसरी तरफ गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री की प्रामाणिकता पर खतरा। सरकार का कहना है कि वह इन दोनों मुद्दों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।

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