
सोचिए, आप किसी दुकान पर हैं, हाथ में सामान है, और पेमेंट के लिए फोन निकालते हैं। अब वो 4 या 6 अंकों का UPI पिन याद करने और डालने का झंझट खत्म! बस फोन को देखिए या अपनी उंगली टच कीजिए, और ‘टक’ से पेमेंट हो गया।
जी हाँ, यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म का सीन नहीं, बल्कि UPI पेमेंट्स का आने वाला कल है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) एक ऐसे ही क्रांतिकारी बदलाव की तैयारी में है, जो आपके पेमेंट करने के तरीके को हमेशा के लिए बदल देगा। चलिए, इस दिलचस्प बदलाव की गहराई में उतरते हैं।
आखिर PIN को अलविदा कहने की जरूरत क्यों पड़ी?

आज तक हम सब UPI पेमेंट के लिए 4 या 6 अंकों के पिन पर निर्भर रहे हैं। यह पिन तब बनता है जब हम अपने बैंक खाते को UPI से जोड़ते हैं। यह तरीका काफी हद तक सुरक्षित है, लेकिन इसकी कुछ कमजोरियां भी हैं।
सोचिए, अगर किसी ने चुपके से आपका पिन देख लिया तो? या किसी तरह धोखे से आपका पिन पता कर लिया? ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां सिर्फ पिन पता चलने से लोगों के बैंक खाते खाली हो गए। इसी खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए NPCI बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को ला रहा है। यानी अब सुरक्षा सिर्फ आपके पास नहीं, बल्कि आपमें होगी – आपके चेहरे और उंगलियों में!
कैसे काम करेगा यह जादू?

यह सिस्टम आपके फोन में मौजूद एडवांस बायोमेट्रिक सेंसर्स का इस्तेमाल करेगा।
- फेस आईडी (Face ID): पेमेंट को कन्फर्म करने के लिए आपका फोन आपके चेहरे को स्कैन करेगा। यह साधारण ‘फेस अनलॉक’ से कहीं ज़्यादा सुरक्षित होगा, क्योंकि यह आपके चेहरे के 3D मैप का इस्तेमाल करेगा जिसे कॉपी करना लगभग नामुमकिन है।
- फिंगरप्रिंट (Fingerprint): आप अपने फोन के फिंगरप्रिंट सेंसर पर उंगली रखकर भी पेमेंट को मंजूरी दे पाएंगे।
यह तकनीक सुनिश्चित करेगी कि पेमेंट करने वाला व्यक्ति वास्तव में आप ही हैं, न कि कोई और जिसके हाथ में आपका फोन है। Economic Times की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हो सकता है कि NPCI पिन को एक वैकल्पिक (Optional) तरीके के तौर पर बनाए रखे।
एक्सपर्ट्स क्यों हैं इस बदलाव को लेकर उत्साहित?

जानकार इस कदम को गेम-चेंजर मान रहे हैं।
- रफ्तार और सहूलियत: Cashfree Payments के CEO, आकाश सिन्हा कहते हैं, “पिन डालने की जरूरत खत्म होने से लेनदेन सेकंडों में पूरे होंगे। इससे चेकआउट का समय बचेगा और हर पेमेंट सीधे व्यक्ति से जुड़ेगा, सिर्फ डिवाइस से नहीं।”
- धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम: किसी का पिन चुराना या कॉपी करना तो मुमकिन है, लेकिन किसी के चेहरे या फिंगरप्रिंट को कॉपी करना नामुमकिन के बराबर है। इससे ऑनलाइन फ्रॉड पर भारी रोक लगेगी।
- सबके लिए आसान: plutos ONE के फाउंडर रोहित महाजन के अनुसार, “पिन याद रखने का झंझट खत्म होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा बुजुर्गों और ग्रामीण इलाकों के उन लोगों को मिलेगा जो डिजिटल तकनीक से ज़्यादा परिचित नहीं हैं। अब वे भी बिना किसी डर के आसानी से लेनदेन कर पाएंगे।”
लेकिन, क्या यह राह इतनी आसान है?
हर बड़े बदलाव के साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं। इस सिस्टम को लागू करने के लिए कुछ बातों पर खास ध्यान देना होगा, जैसे:
- डेटा की सुरक्षा: आपका बायोमेट्रिक डेटा (चेहरा, फिंगरप्रिंट) बेहद संवेदनशील है। इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।
- यूजर की सहमति: इस सुविधा को इस्तेमाल करने के लिए यूजर की स्पष्ट सहमति लेना जरूरी होगा।
- मजबूत टेक्नोलॉजी: इस सिस्टम को करोड़ों लोगों तक बिना किसी रुकावट के पहुंचाने के लिए एक बहुत मजबूत और भरोसेमंद तकनीकी ढांचे की जरूरत होगी।
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, UPI लेनदेन हर महीने अरबों में हो रहे हैं और इनका मूल्य लाखों करोड़ रुपये में है। जैसे-जैसे इसका दायरा बढ़ रहा है, बायोमेट्रिक जैसे नए तरीके इसे और भी सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगे।
फिलहाल आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। आराम से बैठिए! आप जैसे अभी UPI इस्तेमाल कर रहे हैं, वैसे ही करते रहें। जब NPCI इस नए अपडेट को जारी करेगा, तो हम आपको सबसे पहले बताएंगे कि इसे कैसे सेट अप और इस्तेमाल करना है। तब तक, इस शानदार भविष्य के लिए तैयार रहिए