मंगलवार की सुबह उत्तरकाशी के लिए एक ऐसी मनहूस खबर लेकर आई, जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। धराली गाँव की शांत वादियों में अचानक बादल के गरजने की नहीं, बल्कि फटने की आवाज ने सब कुछ बदल दिया। देखते ही देखते खीरगंगा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया और एक विनाशकारी सैलाब गाँव की तरफ दौड़ने लगा।
यह कोई सामान्य बाढ़ नहीं थी, यह एक जल प्रलय था जिसने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को निगल लिया। लोगों की नींद टूटी तो बाहर मौत का मंज़र था। चारों तरफ बस चीख-पुकार और जान बचाने की जद्दोजहद थी।
तबाही का वो खौफनाक मंज़र
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने इस भयावह आपदा की पुष्टि करते हुए बताया कि इस हादसे में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे के ढेर के नीचे दबे हुए हैं, जिनकी साँसों की डोर वक़्त के साथ कमज़ोर पड़ती जा रही है।
धराली का हँसता-खेलता बाज़ार अब मलबे का ढेर बन चुका है। कई होटल और दुकानें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, और जो बची थीं, उनमें कई फ़ीट तक मलबा और पानी भर गया। इस सैलाब ने न केवल घर और दुकानें तोड़ीं, बल्कि कई परिवारों की रोजी-रोटी भी छीन ली।
ज़िंदगियां बचाने की जंग: युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी
जैसे ही आपदा की खबर मिली, बचाव दल तुरंत हरकत में आ गए। हर्षिल से सेना की टुकड़ी, पुलिस और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें फौरन धराली के लिए रवाना हो गईं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुःख जताते हुए कहा कि वे लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हैं और बचाव कार्यों पर नज़र बनाए हुए हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए दो एमआई (MI) और एक चिनूक हेलिकॉप्टर की मांग की गई है, ताकि मलबे में दबे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सके और घायलों को समय पर इलाज मिल सके।
सिर्फ धराली ही नहीं, पूरे उत्तराखंड पर मंडरा रहा खतरा
यह तबाही सिर्फ धराली तक सीमित नहीं है। मानसून का कहर पूरे उत्तराखंड पर बरस रहा है। मंगलवार सुबह ही बड़कोट तहसील के बनाल पट्टी में भारी बारिश के कारण डेढ़ दर्जन से ज़्यादा बकरियां गदेरे के तेज बहाव में बह गईं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 10 अगस्त तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा, खासकर पहाड़ी इलाकों में लोगों को बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है। इसी खतरे को देखते हुए देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार में मंगलवार को भी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
टूटती सड़कें, थमती ज़िंदगी: यमुनोत्री हाईवे पर बढ़ी मुश्किलें
लगातार हो रही बारिश ने उत्तराखंड की लाइफलाइन कही जाने वाली सड़कों को भी भारी नुकसान पहुँचाया है। यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास सड़क का लगभग 25 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। एक तरफ सड़क धंस रही है, तो दूसरी तरफ पहाड़ी से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है।
एनएच विभाग की टीमें रास्ता खोलने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि शाम तक छोटे वाहनों के लिए किसी तरह रास्ता बनाने की कोशिश की जाएगी। वहीं, गंगोत्री हाईवे भी डबराणी और नेताला के पास कई घंटों तक बंद रहा, जिसे बीआरओ ने मशक्कत के बाद खोला।
यह आपदा एक बार फिर पहाड़ों में जीवन की चुनौतियों और प्रकृति के रौद्र रूप को बयां कर रही है। पूरा प्रदेश इस मुश्किल घड़ी में धराली के लोगों के साथ खड़ा है और मलबे में दबे लोगों के सुरक्षित निकलने की प्रार्थना कर रहा है।