जन्माष्टमी 2025 का महत्व और तिथि
इस साल 16 अगस्त 2025 को पूरे भारत में धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी को भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया था। इस पावन दिन पर भक्तजन उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और घर में लड्डू गोपाल को विशेष रूप से सजाते हैं।
पूजा घर में श्री कृष्ण की मूर्ति काली या सफेद?
अक्सर जन्माष्टमी से पहले लोग नई कृष्ण जी की मूर्ति लेने जाते हैं, और वहां सबसे बड़ा सवाल आता है – काली मूर्ति लें या सफेद?
ज्योतिष और शास्त्रों की मान्यता
- काली मूर्ति: ज्योतिष के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण और भगवान शिव ही ऐसे देव हैं जिनकी काली मूर्ति को घर में रखना शुभ माना जाता है।
- सफेद मूर्ति: सफेद मूर्ति को भी पवित्र और मंगलकारी माना जाता है, जो शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
शास्त्रों के अनुसार, बाकी देवी-देवताओं की काली मूर्तियां घर के भीतर स्थापित करने की सलाह नहीं दी जाती। इसलिए, कृष्ण जी की मूर्ति के रंग का चुनाव आप अपनी पसंद और श्रद्धा के अनुसार कर सकते हैं।
काली मां की मूर्ति घर में क्यों नहीं रखते?
कई लोग पूछते हैं – मां काली की मूर्ति तो काली ही होती है, फिर घर में क्यों नहीं रखते?
- मां काली के स्वरूप को उग्रता और क्रोध की ऊर्जा से जोड़ा जाता है।
- माना जाता है कि घर में उनकी मूर्ति स्थापित करने से यह तीव्र ऊर्जा वातावरण में फैल सकती है, जिससे पारिवारिक शांति प्रभावित हो सकती है।
- इसलिए मां काली की पूजा मुख्य रूप से मंदिरों और विशेष पूजन स्थलों पर की जाती है।
श्री कृष्ण की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- मूर्ति की बनावट – मूर्ति सुंदर और आकर्षक हो, जिसमें भगवान का मुख शांत और प्रसन्न हो।
- आकार – पूजा घर के आकार के अनुसार मूर्ति का आकार चुनें।
- सामग्री – पीतल, संगमरमर या धातु की मूर्तियां शुभ मानी जाती हैं।
- स्थापना विधि – मूर्ति लाने के बाद शुद्धि और विधि-विधान से स्थापना करें।
जन्माष्टमी 2025 पर यदि आप अपने पूजा स्थल के लिए श्री कृष्ण की मूर्ति चुन रहे हैं, तो रंग के चयन में कन्फ्यूजन की जरूरत नहीं है। काली हो या सफेद – दोनों ही रूप शुभ और मंगलकारी हैं। बस श्रद्धा, विश्वास और विधि-विधान के साथ स्थापना करें, और घर में श्री कृष्ण की कृपा सदैव बनी रहेगी।