राजस्थान: रंग, रेत और राजसी विरासत की धरती

“केसरिया बालम आवो नी, पधारो मारे देश…”
ये सुर जब हवाओं में घुलते हैं, तो दिल खुद-ब-खुद राजस्थान की ओर खिंच जाता है। मेहमाननवाजी, शौर्य, संस्कृति और रंगों से सजा ये प्रदेश, न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। आइए, आज हम आपको ले चलते हैं राजस्थान की उस यात्रा पर, जहां हर मोड़ पर इतिहास, हर किले में कहानियां और हर मुस्कान में अपनापन बसा है।
राजस्थान: भारत का सबसे बड़ा राज्य
भारत के 28 राज्यों में से सबसे बड़ा राज्य है राजस्थान, जो करीब 3 लाख 42 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है। मैप पर देखें तो इसकी आकृति पतंगे जैसी लगती है। पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश, उत्तर में पंजाब और उत्तर-पूर्व में हरियाणा व उत्तर प्रदेश से इसकी सीमाएं मिलती हैं। जनसंख्या के लिहाज से भी ये देश का सातवां सबसे बड़ा राज्य है।
राजाओं की धरती, वीरों की कहानी

राजस्थान का नाम ही ‘राजाओं की भूमि’ है। यहां के किले, महल और हवेलियां आज भी बप्पा रावल, राणा सांगा, राणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान जैसे वीरों की गाथाएं सुनाते हैं। ढोला-मारू की प्रेम कहानी हो या पन्ना धाय का त्याग, मीराबाई की भक्ति हो या हल्दीघाटी का युद्ध हर किस्सा यहां की मिट्टी में रचा-बसा है।
सभ्यता की शुरुआत से आज तक
राजस्थान की धरती पर पाषाण युग और सिंधु घाटी सभ्यता के भी निशान मिलते हैं। हनुमानगढ़ के कालीबंगा में दुनिया का सबसे पुराना जोता हुआ खेत मिला है। यानी, ये प्रदेश सिर्फ शौर्य और प्रेम की नहीं, बल्कि सभ्यता के विकास की भी गवाह है।
रंग-बिरंगे शहर, अनोखी संस्कृति

राजस्थान के हर शहर की अपनी अलग पहचान है। जयपुर ‘पिंक सिटी’ है, उदयपुर ‘वेनिस ऑफ द ईस्ट‘, जोधपुर ‘ब्लू सिटी’, जैसलमेर ‘गोल्डन सिटी’ और बीकानेर ‘कैमल सिटी’। यहां के मेले, त्यौहार, लोकगीत, नृत्य, पहनावा और स्वादिष्ट भोजन सब कुछ इतना खास है कि हर साल लाखों देशी-विदेशी सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं।
यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स
राजस्थान में नौ यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं जयपुर हेरिटेज सिटी, केवला देव नेशनल पार्क, जंतर मंतर और छह ऐतिहासिक किले: चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, गागरोन, आमेर और जैसलमेर। हर किला, हर महल अपने आप में एक कहानी है।
थार रेगिस्तान और अरावली की पहाड़ियां

राजस्थान का करीब 70% हिस्सा थार रेगिस्तान से घिरा है, जिसे ग्रेट इंडियन डेजर्ट भी कहते हैं। यहां की रेत, ऊंट की सवारी, डेजर्ट सफारी और कैंपिंग का अनुभव वाकई अनोखा है। वहीं, अरावली पर्वतमाला दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है, जो राजस्थान को दो हिस्सों में बांटती है और प्रदेश को पूरी तरह रेगिस्तान बनने से बचाती है।
जयपुर: गुलाबी नगरी की शान

जयपुर, जिसे महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने बसाया था, आज पिंक सिटी के नाम से मशहूर है। हवा महल, सिटी पैलेस, जंतर मंतर, आमेर किला, जल महल, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम हर जगह इतिहास और खूबसूरती का अनूठा संगम है। यहां की गलियों में घूमना, बाजारों में शॉपिंग करना और दाल-बाटी-चूरमा का स्वाद लेना, हर टूरिस्ट की विशलिस्ट में जरूर होता है।
उदयपुर: झीलों का शहर

अरावली की गोद में बसा उदयपुर, अपनी झीलों, महलों और बाग-बगिचों के लिए जाना जाता है। पिछोला झील, फतेह सागर, जग मंदिर, सिटी पैलेस हर जगह शाही ठाठ और सुकून का एहसास कराती है। कुंभलगढ़ किले की दीवार को ‘ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है।
जैसलमेर: रेत का स्वर्ण महल

थार के बीचों-बीच बसा जैसलमेर, अपने सोनार किले, पटवों की हवेली, गड़ीसर झील और तनोट माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां की कैमल सफारी और डेजर्ट फेस्टिवल का अनुभव आपको हमेशा याद रहेगा।
जोधपुर: नीली नगरी का जादू

राव जोधा द्वारा बसाया गया जोधपुर, अपने मेहरानगढ़ किले, उम्मेद भवन पैलेस और जसवंत थड़ा के लिए मशहूर है। यहां की नीली गलियां और सूर्य की रोशनी में चमकते घर, एक अलग ही दुनिया का एहसास कराते हैं।
बीकानेर, अजमेर और पुष्कर

बीकानेर अपने जूनागढ़ किले, करणी माता मंदिर (जहां हजारों चूहे रहते हैं) और बीकानेरी भुजिया के लिए जाना जाता है। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर और विश्व प्रसिद्ध कैमल फेयर, हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
माउंट आबू: राजस्थान का हिल स्टेशन

सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू, अरावली की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर, दिलवाड़ा जैन मंदिर और नक्की झील के लिए प्रसिद्ध है। यहां की ठंडी हवा और हरी-भरी वादियां राजस्थान के रेगिस्तानी रंग में एक ताजगी घोल देती हैं।
किले, मंदिर और वाइल्डलाइफ
राजस्थान के किले: आमेर, जैसलमेर, कुंभलगढ़, मेहरानगढ़, रणथंभौर, चित्तौड़गढ़ और गागरोन हर एक अपने आप में इतिहास की किताब हैं। यहां के मंदिर रणकपुर जैन मंदिर, सांवलिया सेठ, मेहंदीपुर बालाजी, रामदेवरा आस्था का केंद्र हैं। वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए रणथंभौर, सरिस्का, केवला देव नेशनल पार्क और डेजर्ट नेशनल पार्क किसी जन्नत से कम नहीं।
त्यौहार, मेले और लोक संस्कृति
राजस्थान के त्यौहार तीज, गणगौर, ब्रज होली, मारवाड़ उत्सव, पतंग महोत्सव हर महीने कोई न कोई रंग बिखेरते हैं। यहां के मेलों में खाटू श्याम, रामदेवरा, नागौर पशु मेला और पुष्कर कैमल फेयर सबसे खास हैं। घूमर, कालबेलिया, चकरी जैसे लोकनृत्य और राजस्थानी पहनावा पगड़ी, घाघरा-चोली, बंधेज, लहरिया हर किसी को आकर्षित करते हैं।
स्वाद और शॉपिंग
राजस्थान का खाना दाल बाटी चूरमा, मिर्ची बड़ा, घेवर, मावा कचौड़ी, कैर सांगरी, बीकानेरी भुजिया हर स्वाद के दीवाने के लिए है। यहां के बाजारों में ब्लू पॉटरी, रंग-बिरंगी जूतियां, हैंडीक्राफ्ट, बगरू और सांगानेरी प्रिंट के कपड़े, हर शॉपिंग लवर के लिए खजाना हैं।
पैलेस ऑन व्हील्स: शाही सफर
अगर आप राजस्थान की शाही ठाठ को असली मायनों में जीना चाहते हैं, तो ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ ट्रेन का सफर जरूर करें। ये ट्रेन आपको जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और जैसलमेर की शाही सैर कराती है।
कब और कैसे जाएं?
राजस्थान घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच है। यहां पहुंचने के लिए फ्लाइट, ट्रेन या बस हर सुविधा उपलब्ध है।
तो फिर देर किस बात की? आइए, राजस्थान की रंगीन गलियों, सुनहरी रेत, शाही किलों और दिल से स्वागत करने वाले लोगों के बीच कुछ यादगार पल बिताइए। यकीन मानिए, राजस्थान एक बार नहीं, बार-बार बुलाएगा!